Almora ( अल्मोड़ा) कुमाऊँ की रानी पर एक छोटा सा लेख
हिमालय की गोद में बसा हुआ एक खूबसूरत सा शहर है
अल्मोड़ा, उत्तराखंड राज्य का एक ऐसा ऐतिहासिक शहर है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध संस्कृति, और दार्शनिक स्थलों के लिए जाना जाता है। पूरे कुमाऊँ क्षेत्र (अल्मोड़ा – बागेश्वर – चंपावत – पिथौरागढ़ नैनीताल और उधम सिंह नगर) की राजधानी के रूप में Almora ( अल्मोड़ा) को ‘कुमाऊँ की रानी’ भी कहा जाता है।
यह अपनी खूबसूरत पहाड़ी चोटियों, हरे भरे घने जंगलों, कल- कल बहती नदियों, झरनों और प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है।
अल्मोड़ा का संक्षिप्त इतिहास
ALMORA का इतिहास चंद वंश से जुड़ा हुआ है, लगभग 16वीं शताब्दी में चंद राजाओं ने अल्मोड़ा शहर की स्थापना की, यहां के लगभग सभी मंदिरों में चंद वंश के शिल्पकला की झलक नजर आती है, उस दौरान बनाए गए सभी धार्मिक स्थल आज भी उसी प्रकार डटकर खड़े है जैसे हाल ही के दिनों में बनाए गए हैं।
ब्रिटिश शासन काल में भी अल्मोड़ा ने काफी महत्व प्राप्त किया, कहा जाता है कि ब्रिटिश काल के अधिकारियों को अल्मोड़ा इतना पसंद आया कि उनमें से कई अधिकारियों ने इसकी खूबसूरती से प्रभावित होकर अपने आवास यही बना लिया था।
Almora ( अल्मोड़ा) के पर्यटन स्थल
अल्मोड़ा हमेशा से ही पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र रहा है, यहां आने वाले पर्यटक प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के साथ-साथ स्थानीय संस्कृति और खान-पान का भी लुत्फ उठा सकते हैं।
यहां का प्रमुख आकर्षण
अब हम आपको Almora ( अल्मोड़ा) के प्रमुख आकर्षण की जानकारी देंगे
कसार देवी मंदिर
यह मंदिर समुद्र तल से 2116 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और यहां से अल्मोड़ा का खूबसूरत नज़ारा दिखाई देता है, कहा जाता है कि यह दैवीय शक्तियों का केंद्र बिंदु है, स्वामी विवेकानंद जी को दिव्य ज्ञान की प्राप्ति यहीं पर हुई थी।
कटारमल सूर्य मंदिर
कटारमल सूर्य मंदिर अपनी अनूठी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है इस मंदिर का निर्माण 8 वीं शताब्दी में कत्यूरी वंश के राजा कटारमल ने करवाया था।
यह मंदिर सूर्य देवता को समर्पित है और यहाँ पर सूर्य देवता की प्रतिमा स्थापित है।
नंदा देवी मंदिर- Almora ( अल्मोड़ा)
नंदा देवी को समर्पित यह मंदिर कत्यूरी राजवंशों द्वारा बनाया गया एक अद्भुत मंदिर है, नंदा देवी कुमाऊँ क्षेत्र की अधिष्ठात्री देवी हैं यहा हर साल सितंबर के महीने में भव्य उत्सव मनाया जाता है।
जागेश्वर धाम
जागेश्वर धाम 124 प्राचीन मंदिरों का एक समूह है, यह धाम भगवान शिव को समर्पित है और यहाँ 124 शिव मंदिर हैं, जो लगभग 9 वीं से 13 वीं शताब्दी के बीच बनाए गए थे। जागेश्वर धाम का उल्लेख पुराणों में भी मिलता है
यहाँ के मंदिरों का निर्माण कत्यूरी राजवंश के राजाओं ने करवाया था आपको बता दें कि जागेश्वर धाम को “कुमाऊँ की काशी” भी कहा जाता है।
Almora ( अल्मोड़ा) का किला
अल्मोड़ा का किला, जिसे अल्मोड़ा फोर्ट भी कहा जाता है, यह अल्मोड़ा शहर में स्थित एक ऐतिहासिक किला है। यह किला शहर के इतिहास का प्रतीक है, यह किला 16 वीं शताब्दी में बनाया गया था और यह कुमाऊँ के शासकों का निवास स्थान था।
इस किले का निर्माण सन 1568 में कुमाऊँ के राजा बालो कत्यूरी ने करवाया था, यह किला शहर के केंद्र में स्थित है और इसकी दीवारें शहर के चारों ओर फैली हुई हैं, किले के अंदर कई ऐतिहासिक इमारतें, मंदिर और संग्रहालय हैं।।
सिमतोला ईको पार्क
अल्मोड़ा सिमतोला ईको पार्क प्रकृति प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग है, यह एक अद्वितीय और आकर्षक स्थल है, जो प्राकृतिक सुंदरता और शांति के लिए जाना जाता है, इस पार्क का उद्देश्य वनस्पतियों और जीव-जन्तुओं की रक्षा करना है।
Almora ( अल्मोड़ा) के खानपान
बाल मिठाई
अल्मोड़ा की बाल मिठाई बहुत ही प्रसिद्ध है, कहते हैं की सर्वप्रथम जोग सिंह द्वारा इस मिठाई को बनाया गया था उनकी बनाई मिठाई बहुत ही स्वादिष्ट और अनोखे स्वाद वाली होती है लेकिन वर्तमान समय में खेम सिंह मोहन सिंह की मिठाई ही सबसे ज्यादा प्रचलित है
भट्ट की चुड़काणीं
कुमाऊँनी दाल भट्ट की चुड़काणीं एक पारंपरिक कुमाऊँनी व्यंजन है, जो उत्तराखंड के गांवों में बहुत लोकप्रिय है। यह एक सरल और स्वादिष्ट दाल है, जो दाल और भट्ट (काला सोयाबीन ) को तेल में तलने के बाद बहुत प्यार से बनाया जाता है।
मडूवे की रोटी
मडूवा / रागी की रोटी एक पारंपरिक कुमाऊँनी व्यंजन, यह एक स्वादिष्ट और पौष्टिक रोटी है, जो मडूवा /रागी (फिंगर मिलेट) के आटे से बनाया जाता है।
यह अक्सर नाश्ते या रात के खाने में परोसा जाता है। मडूवा/रागी की रोटी को आप दही, चटनी, या सब्जी के साथ परोस सकते हैं, पहाड़ों में इसे पिनालू(अरबी) की सब्जी के साथ बड़े चांव से खाया जाता है।
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अल्मोड़ा की कुछ खूबसूरत चीजों का ज़िक्र हमने इस लेख में किया है, उम्मीद है कि आपको पसंद आया होगा।
हम कोशिश करेंगे कि आगे और भी अन्य जिलों, कस्बों और क्षेत्रों की जानकारी दे पाएं।।
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